तुमने
कहा
'मुझे सांवला रंग पसंद है '
मैंने
अपनी चादर ओढ़ा दी
तुम्हारे काँधे पे
जिसे ओढ़ कर
तुम सो गयी
फिर मैंने देखा
देर तक
चाँद को मुस्कुराते हुए
अंधेरी सर्द रातों में
मुकेश इलाहाबादी ------------
कहा
'मुझे सांवला रंग पसंद है '
मैंने
अपनी चादर ओढ़ा दी
तुम्हारे काँधे पे
जिसे ओढ़ कर
तुम सो गयी
फिर मैंने देखा
देर तक
चाँद को मुस्कुराते हुए
अंधेरी सर्द रातों में
मुकेश इलाहाबादी ------------