खुशनुमा - खुशनुमा एहसास रहता है
तेरी यादों का गुलदस्ता साथ रहता है
मेरा वज़ूद महकता है, लोग पूछते हैं
तुम्हारी हँसी का गुलाब पास रहता है
दिन मुझे फुर्सत दे तुझे जी भर सोचूँ
रात गहराने का मुझे इंतज़ार रहता है
दुनिया की कोई बात मज़ा नहीं देती
तू पास रहे वही लम्हा ख़ास रहता है
क्या ऐसा कर दूँ, मै तू खिलखिला दे
मेरे ज़ेहन में बस यही सवाल रहता है
मुकेश इलाहाबादी -----------------