एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 14 February 2012
वो तो उनके नाजो नखरे उठाए हुए हूँ ,
बैठे ठाले की तरंग ----------------------
वो तो उनके नाजो नखरे उठाए हुए हूँ ,
वर्ना मेरी चाल में कोइ ख़म नहीं है, दोस्त
मुकेश इलाहाबादी ----------------------
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