बैठे ठाले की तरंग
!!!!! होली मुबारक हो !!!!!!
होली,
भाई हमरा बोर्डर पे,
पहरा देवे सारी रात
भौजी खेलें कैसे फाग?
जब कजरा रोवै सारी रात
पहली होली पीहर की,
बहिनी खेलै आयी,
अबहिंन से है बाप दुखी
कईसे करब बिदाई?
सूजी महंगी, मैदा महंगा,
महंग बहुत तरकारी,
चुन्नू-मुन्नू कैसे खेलैं होली ?
महंग बहुत पिचकारी
आँख में होवे आंसू लाख,
हम ते होली खेलब आज,
अब तो पी के भंग का रंग
फगुवा गाउब सारी रात
मुकेश इलाहाबादी -----------
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