एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 17 August 2012
हसीनो को हर चीज़ हंसीं नज़र आती है
हसीनो को हर चीज़ हंसीं नज़र आती है
उदासी का शबब तो हम दीवानों से पूछो
मुकेश इलाहाबादी -------------------------
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