एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Thursday, 30 August 2012
हाय! हम तो तुम्हे उम्र भर सताते रहे
हाय! हम तो तुम्हे उम्र भर सताते रहे
मगर आप रूठे भी नहीं बोले भी नहीं -
मुकेश इलाहाबादी ---------------------
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