एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 24 August 2012
भले ही तुम मेरे रकीबों के लिए पलकें बिछाए बैठी हो
भले ही तुम मेरे रकीबों के लिए पलकें बिछाए बैठी हो
गर आखं झपक जाए तो मेरी आखों से देख सकती हो
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