एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Monday, 24 September 2012
रूठने और मनाने की अदाएं
रूठने और मनाने की अदाएं
हम आशिकों में न पाओगे,,
हम जो रूठे तो रूठ ही जायेंगे
इक बार को जो हम चले गए
फिर लौट के हरगिज़ न आयेंगे
मुकेश इलाहाबादी ----------
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment