एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Wednesday, 12 September 2012
दुनिया कहती है, मै फिरता हूँ बे काम के
दुनिया कहती है, मै फिरता हूँ बे काम के
उसे क्या मालूम मुहब्बत भी एक काम है
मुकेश इलाहाबादी -------------------------
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