एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Saturday, 8 September 2012
अजीब बात है !!!
अजीब बात है !!!
रोज़ बात होती है,
रोज़ मुलाक़ात होती है
तसल्ली दिल को,
फिर भी,
क्यूँ नहीं होती ?
मुकेश इलाहाबादी -----
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