एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Wednesday, 10 October 2012
दिल के करीब किसी को ना लाओगे
दिल के करीब किसी को ना लाओगे
खासियतें किसी की क्या समझोगे
मुहब्बत में मिली तन्हाई का मज़ा
बिन मुहब्बत के क्या समझ पाओगे
मुकेश इलाहाबादी -------------------------
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment