हर बात साफगोई से कहता हूँ कहानी मे
आग पानी और धुंआ लिखता हूँ कहानी मे
इल्म के साथ इक संजीदगी भी चाहिए,वर्ना
तुम क्या समझोगे,क्या लिखता हूँ कहानी मे
इक लम्हा मुलाकात, ज़िन्दगी भर की याद
फिर -२ वही फलसफा लिखता हूँ कहानी मे
चाँद सूरज तारे और परियों की कहानी नहीं,
मै सिर्फ तुम्हारा चेहरा लिखता हूँ कहानी में
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------
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