एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Saturday, 20 October 2012
तकलीफ तो उनको भी है, अलविदा कहने से,
तकलीफ तो उनको भी है, अलविदा कहने से,
ये अलग बात है चेहरे से ज़ाहिर होने नहीं देते
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment