एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Wednesday, 21 November 2012
वो तो दिल के हाथो मज़बूर हो गए वर्ना
वो तो दिल के हाथो मज़बूर हो गए वर्ना
हम कूचा ऐ मुहब्बत कब के छोड़ चुके थे
मुकेश इलाहाबादी -----------------------
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