एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 27 November 2012
सजाये हैं हमने जो दिले गुलदस्ते में फूल,
सजाये हैं हमने जो दिले गुलदस्ते में फूल,
बिन के लाये हैं अपना बिखरा हुआ वजूद
मुकेश इलाहाबादी -------------------------
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