एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Tuesday, 20 November 2012
मुहब्बत के बाज़ार में दिवालिया हो गए,
मुहब्बत के बाज़ार में दिवालिया हो गए,
कि कारोबार ऐ दिल समझ ना पाए हम
मुकेश इलाहाबादी ----------------------
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment