एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Thursday, 22 November 2012
कितना भी पर्दा कर लो क्या फर्क पड़ता है
कितना भी पर्दा कर लो क्या फर्क पड़ता है
कभी तो नकाब सरकेगा और दीदार होंगे !
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
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