एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 6 November 2012
मगरूर है चाँद खुद न बताया, क्या चाहता है उसका दिल
मगरूर है चाँद खुद न बताया, क्या चाहता है उसका दिल
वरना चाहने वाले उसे अब तक ज़मी पे न उतार लेते ???
मुकेश इलाहाबादी -------------------------------------------
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