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Tuesday, 20 November 2012

तेरे वार को हंस हंस के सह लेंगे कि

 

तेरे वार को हंस हंस के सह लेंगे कि
हमें दर्द ऐ मुहब्बत गवारा है दोस्त
मुकेश इलाहाबादी ------------------

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