Pages

Monday, 28 January 2013

मुद्दतो पहले कभी ,,,,,,



मुद्दतो पहले कभी ,,,,,,
एहसास की कुछ बूंदे छलके थे उनकी आखों से 
जिसकी नमी से आज तक मेरा वज़ूद भीगा है
मुकेश इलाहाबादी --------------------------------

No comments:

Post a Comment