एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Monday, 4 February 2013
सच के साथ क्या हो गए
सच के साथ क्या हो गए
काफिले से जुदा हो गए
जिन पत्थरों को तरसा उम्र भर
वो बुत आज हमारे खुदा हो गए
मुकेश इलाहाबादी -------------
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