एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Monday, 18 February 2013
कदमो तले आपके दिल बिछा दिया
कदमो तले आपके दिल बिछा दिया
आपकी नाज़ुकी का हमको ख़याल है
जानता हूँ है जो फूल मेरे हाथ मे
फूल वो अपने आपमे बेमिसाल है
मुकेश इलाहाबादी ------------------
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