एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Wednesday, 6 March 2013
पत्थरों की मुस्कुराती मूरत देख ले
पत्थरों की मुस्कुराती मूरत देख ले
जिसने नही देखा तेरी सूरत देख ले
क्यूँ ग़मज़दा चेहरा लिए फिरते हो ?
इश्क करके दुनिया खूबसूरत देख लो
मुकेश इलाहाबादी --------------------
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment