एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 12 April 2013
लज्ज़ते समर भूल जाऊं सारे चमन का
लज्ज़ते समर भूल जाऊं सारे चमन का
जो मिल जाए स्वाद तेरे सेबे ज़कन का
मुकेश इलाहाबादी ----------------------
समर - फल, लज्ज़त -स्वाद,
सबे ज़कन - सेब जैसी ठुड्डी
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