एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Monday, 15 April 2013
दिलरुबा का दिल तोडना अच्छा नहीं
दिलरुबा का
दिल तोडना अच्छा नहीं
तोडने
से पहले खुदा
से डरा कीजिए
मुहब्बत भी खुदा की इबादत होती है
इसे भी नमाज़ की तरह अता कीजिए
दिल मेरा हो तेरा हो या किसी गैर का
दिल मासूम बच्चा है न रुलाया कीजिये
मुकेश इलाहाबादी -------------------
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1 comment:
दिल की आवाज़
16 April 2013 at 00:41
दिल का काम है मोहब्बत करते जाना
यूँ न हर बार कुचला कीजिये ...
बहुत सुन्दर श्रीमान जी ..
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दिल का काम है मोहब्बत करते जाना
ReplyDeleteयूँ न हर बार कुचला कीजिये ...
बहुत सुन्दर श्रीमान जी ..