एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Friday, 10 May 2013
माना हम महफूज़ हैं तेरे दिलो दिमाग मे हर वक़्त
माना हम महफूज़ हैं तेरे दिलो दिमाग मे हर वक़्त
वस्ल ऐ हकीकत भी तो कोई चीज़ हुआ करती है,,
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------------------
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment