एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Sunday, 5 May 2013
यूँ बिजलियाँ गिराते हुए तुम न आया करो
यूँ बिजलियाँ गिराते हुए तुम न आया करो
बेवज़ह राह के सूखे शज़र जल जायेंगे ,,,,,,
मुकेश इलाहाबादी -----------------------------
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment