एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Wednesday, 5 June 2013
अपने सपाट चेहरे से तुम हाले दिल न छुपा पाओगी
अपने सपाट चेहरे से तुम हाले दिल न छुपा पाओगी
हमें मुहब्बत की हर तहरीर पढने का हुनर मालूम है
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------------------
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