एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Tuesday, 25 June 2013
किताबे मुहब्बत मे हम 'वफ़ा' लिख के लाये थे
किताबे मुहब्बत मे हम 'वफ़ा' लिख के लाये थे
वे हँस के बोले 'हमारी किताबे जीस्त मे इसका कोई काम नही'
मुकेश इलाहाबादी -----------------------------------------------------
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment