आग हवा और पानी लिखूंगा,,
जो भी लिखूंगा तूफानी लिखुंगा
एक हासिये पे अल्ला हो अकबर
दुसरे पे राजा रामचंदजी लिखुंगा
इश्क्बाज़ों को तोहफे तमाम
दहशतगर्ज़ों को फाँसी लिखूंगा
बच्चों को तालीम भूखो को रोटी
हर घर हर रात दिवाली लिखूंगा
स्याह फलक को फ़िर आसमानी
ज़मीं का रंग फ़िर से धानी लिखूंगा
मुकेश इलाहाबादी -------------------
जो भी लिखूंगा तूफानी लिखुंगा
एक हासिये पे अल्ला हो अकबर
दुसरे पे राजा रामचंदजी लिखुंगा
इश्क्बाज़ों को तोहफे तमाम
दहशतगर्ज़ों को फाँसी लिखूंगा
बच्चों को तालीम भूखो को रोटी
हर घर हर रात दिवाली लिखूंगा
स्याह फलक को फ़िर आसमानी
ज़मीं का रंग फ़िर से धानी लिखूंगा
मुकेश इलाहाबादी -------------------
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