एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 16 May 2014
ज़ख्मो पे मरहम इस लिए नहीं रखते
ज़ख्मो पे मरहम इस लिए नहीं रखते
ज़ालिम की कोई तो निशानी साथ रहे
मुकेश इलाहाबादी ----------------------
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