एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Thursday, 1 May 2014
मुहब्बत का सफ़र कौन रूह तक तय करता है ?
मुहब्बत का सफ़र कौन रूह तक तय करता है ?
तसव्वुर से हो के जिस्म पे जा कर रुक जाता है
मुकेश इलाहाबादी ----------------------------------
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment