एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Monday, 12 May 2014
एक इल्तज़ा -----------------------------
या ख़ुदा कुछ ऐसी सज़ा मुझको भी दे दे
छीन के आज़ादी मेरी क़ैदे मुहब्बत दे दे
भूल जाऊंगा मै ग़म सारे ज़माने भर के
बस इक बार मुझको मेरी मुहब्बत दे दे
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment