एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 22 July 2014
मन में उजास लिए बैठी है
मन में उजास लिए बैठी है
आखों में लाज लिए बैठी है
रचा के हाथ - पैरों में मेहंदी
पिया का ख्वाब लिए बैठी है
मुकेश इलाहाबादी ---------
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