एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Monday, 7 July 2014
यूँ खनखना के न हंसा कीजिये
यूँ खनखना के न हंसा कीजिये
दिल के तार झनझना जाते हैं
मुकेश इलाहाबादी --------------
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