एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Monday, 25 May 2015
दर्द तो बहुत हुआ, तुझे भूल जाने में
दर्द तो बहुत हुआ, तुझे भूल जाने में
लेकिन अब कुछ शुकून सा रहता है
मुकेश इलाहाबादी -------------------
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