सड़क छाप शे'र,,
जब जब खिलते हैं फूल तो हंसती हैं पत्तियां
भौंरे की शरारत पे मुस्कुराती हैं कलियाँ
यूँ जब भी देखो हर वक्त बंद मिला करती हैं
आशिकों के आते ही खुलजाती हैं खिड़कियाँ
मुकेश इलाहाबादी -----------------------
जब जब खिलते हैं फूल तो हंसती हैं पत्तियां
भौंरे की शरारत पे मुस्कुराती हैं कलियाँ
यूँ जब भी देखो हर वक्त बंद मिला करती हैं
आशिकों के आते ही खुलजाती हैं खिड़कियाँ
मुकेश इलाहाबादी -----------------------
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