एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Thursday, 5 May 2016
एक ही बात, अच्छी नहीं लगती
बस !
तुम्हारी,
एक ही बात,
अच्छी नहीं लगती
मुहब्ब्त के नाम पे
मुस्कुराना और
चुप रहना
मुकेश इलाहाबादी --------------
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