काली दे या कि गोरी दे
मुझको भी इक छोरी दे
सीधी हो कि, नकचढी
दुल्हन चाँद चकोरी दे
न तो टूटे न खुले जो
प्यार की ऐसी डोरी दे
ऐ-मौला मुकेश को भी
धन से भरी तिजोरी दे
मुकेश इलाहाबादी ---
मुझको भी इक छोरी दे
सीधी हो कि, नकचढी
दुल्हन चाँद चकोरी दे
न तो टूटे न खुले जो
प्यार की ऐसी डोरी दे
ऐ-मौला मुकेश को भी
धन से भरी तिजोरी दे
मुकेश इलाहाबादी ---
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