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Saturday, 24 December 2016

कभी अच्छा तो कभी बुरा दिखाता है

कभी अच्छा तो कभी बुरा दिखाता है
वक़्त इंसाँ को बहुत कुछ सिखाता है

परिंदों को उड़ना मछलीयों को तैरना
बुलबुल को चहकना कौन सिखाता है

जो कुछ कर गुज़रे वही अपना नाम
इतिहास की किताबों में लिखाता है

मुकेश बाबू लाख कोशिश कर ले कोई
तज़र्बा तो उम्र के साथ -साथ आता है  

मुकेश इलाहाबादी ------------------

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