मेरी नज़्म मेरी ग़ज़ल मेरी रुबाई ले ले
मेरा दुःख, मेरा दर्द मेरी तनहाई ले ले
यकीं कर मुझपे, तेरा हूँ तेरा ही रहूँगा
तू चाहे तो चाँद तारों की गवाही ले ले
जा रहे हो जाओ मगर जाने के पहले
दिल से ज़ेहन से यादों से विदाई ले ले
मुकेश इलाहाबादी ---------------------
मेरा दुःख, मेरा दर्द मेरी तनहाई ले ले
यकीं कर मुझपे, तेरा हूँ तेरा ही रहूँगा
तू चाहे तो चाँद तारों की गवाही ले ले
जा रहे हो जाओ मगर जाने के पहले
दिल से ज़ेहन से यादों से विदाई ले ले
मुकेश इलाहाबादी ---------------------
No comments:
Post a Comment