Pages

Wednesday, 15 February 2017

गुल ,गुलदश्ता या कि फिर चाँद सितारा ले आऊँ

गुल ,गुलदश्ता या कि फिर चाँद सितारा ले आऊँ
उलझन है क्या पहनूं जब मैं तुझसे मिलने आऊँ  
हुआ इंतज़ार का इक - इक पल, सदी से बढ़ कर
तुझसे मिलने की खातिर उड़न खटोला से आऊँ ?
सुन ! सांझ की बेला नदी किनारे मिलने आ जा
या  कह दे तो, मैं तुझसे मिलने डोली ले के आऊँ?
मुकेश इलाहाबादी -------------------------------

No comments:

Post a Comment