एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 19 May 2017
ढाई आखर
उम्र,
भर मौन रह कर
प्रतीक्षा करूँगा
तम्हारे मुख से
ढाई आखर सुनने को
मुकेश इलाहाबादी --
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