एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Thursday, 25 May 2017
निचाट अँधेरा था
मै
तो,
निचाट अँधेरा था
तुमने आ के
जगमग कर दिया
मुकेश इलाहाबादी -----
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment