बेहद
चालक और हर वक़्त
चौकन्नी रहती है
बहुत सधे कदमो से चलती है
गुस्से में गुर्राती है
मौका मिलते ही
दूध मलाई चट कर जाती है
फिर चुपके से गायब भी हो जाती है
परच जाने पर
लाड दिखा कर
तो कभी चुपके से
तो कभी अधिकार से
प्यार दिखाने वाले के हिस्से का भी
दूध और रोटी गटक देती है
और फिर दुसरे के घर भी
इसी फ़िराक में चल देती है
बेहद सधे, और धीमे धीमे बेबाज़ कदमो से
किसी दुसरे के घर डाका डालने
इससे जानवर से शेर भी ख़ौफ़ खाते हैं
सही पहचाना आपने
ये चालक और खतरनाक जानवर
और कोइ नहीं शेर की मौसी बिल्ली ही है
जो मेरे मन के अंदर रहती है
जो मौका देख के ही गुर्राती है
वरना चुप चाप आंख बंद कर के दूध
पीती रहती है - अपने हिस्से का भी
और दूसरों के हिस्से का भी
मुकेश इलाहाबादी -------
चालक और हर वक़्त
चौकन्नी रहती है
बहुत सधे कदमो से चलती है
गुस्से में गुर्राती है
मौका मिलते ही
दूध मलाई चट कर जाती है
फिर चुपके से गायब भी हो जाती है
परच जाने पर
लाड दिखा कर
तो कभी चुपके से
तो कभी अधिकार से
प्यार दिखाने वाले के हिस्से का भी
दूध और रोटी गटक देती है
और फिर दुसरे के घर भी
इसी फ़िराक में चल देती है
बेहद सधे, और धीमे धीमे बेबाज़ कदमो से
किसी दुसरे के घर डाका डालने
इससे जानवर से शेर भी ख़ौफ़ खाते हैं
सही पहचाना आपने
ये चालक और खतरनाक जानवर
और कोइ नहीं शेर की मौसी बिल्ली ही है
जो मेरे मन के अंदर रहती है
जो मौका देख के ही गुर्राती है
वरना चुप चाप आंख बंद कर के दूध
पीती रहती है - अपने हिस्से का भी
और दूसरों के हिस्से का भी
मुकेश इलाहाबादी -------
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