क्या,
तुमने 'सुमी ' को देखा है ?
नहीं देखा तो देखना।
तब तुम जानोगे
फूलों सी ताज़गी क्या होती है
झरने सी खनखनाती हँसी क्या होती है,
रूई के फाहों से कोमल गाल
और गुलाब के पंखड़ियों से होठ क्या होते हैं
एक मासूम और प्यारे बच्चों से दिल
वाली दोस्ती क्या होती है
मुहब्बत क्या होती है,
इंसानी जज़्बातों को कागज़ पे उतारने की कला
क्या होती है? चाहे कविता में हो या कहानी में
और अगर तुम सुमी से मिल लोगे
तो मुकेश बाबू तुम पूरी दुनिया से मिल लोगे
कुछ समझे मुकेश बाबू ???
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
तुमने 'सुमी ' को देखा है ?
नहीं देखा तो देखना।
तब तुम जानोगे
फूलों सी ताज़गी क्या होती है
झरने सी खनखनाती हँसी क्या होती है,
रूई के फाहों से कोमल गाल
और गुलाब के पंखड़ियों से होठ क्या होते हैं
एक मासूम और प्यारे बच्चों से दिल
वाली दोस्ती क्या होती है
मुहब्बत क्या होती है,
इंसानी जज़्बातों को कागज़ पे उतारने की कला
क्या होती है? चाहे कविता में हो या कहानी में
और अगर तुम सुमी से मिल लोगे
तो मुकेश बाबू तुम पूरी दुनिया से मिल लोगे
कुछ समझे मुकेश बाबू ???
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
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