एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Monday, 4 September 2017
तुम हंसती हो तो महुआ झरता है
तुम हंसती हो तो महुआ झरता है
तुम्हारी बातों में नशा सा रहता है
तुम कोइ काला जादू जानती हो ?
हर कोई सिर्फ तेरी बातें करता है
काली या लाल साड़ी पहना करो,
वैसे तो तुम पर हर रंग फबता है
मुकेश इलाहाबादी ----------------
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