तुम
अपनी सबसे खूबसूरत ड्रेस पहन के आई हो, मै किसी काम में
कुछ तो उलझा हूँ कुछ तो नाटक कर रहा हूँ बिजी होने का।
जानबूझ के तुम्हे इग्नोर कर रहा हूँ , तुम कुछ देर रुकती हो
इस उम्मीद पे , कि मै तुम्हारी ड्रेस की और तुम्हारी तारीफ
करूंगा पर मै एक उचटती सी नज़र तुम पे डाल के फिर काम
में मशगूल हो जाता हूँ।
तुम छनछनाती हुई वहां से चली जाती हो।
( मै मुस्कुरा के ये दृश्य क़ैद कर लेता हूँ। दिल की डायरी में
हमेशा हमेशा के लिए )
(हाला कि बाद में बहुत मिन्नतें कर के तुम्हे मनाया था )
मुकेश इलाहाबादी ---------------
अपनी सबसे खूबसूरत ड्रेस पहन के आई हो, मै किसी काम में
कुछ तो उलझा हूँ कुछ तो नाटक कर रहा हूँ बिजी होने का।
जानबूझ के तुम्हे इग्नोर कर रहा हूँ , तुम कुछ देर रुकती हो
इस उम्मीद पे , कि मै तुम्हारी ड्रेस की और तुम्हारी तारीफ
करूंगा पर मै एक उचटती सी नज़र तुम पे डाल के फिर काम
में मशगूल हो जाता हूँ।
तुम छनछनाती हुई वहां से चली जाती हो।
( मै मुस्कुरा के ये दृश्य क़ैद कर लेता हूँ। दिल की डायरी में
हमेशा हमेशा के लिए )
(हाला कि बाद में बहुत मिन्नतें कर के तुम्हे मनाया था )
मुकेश इलाहाबादी ---------------
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