एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Monday, 6 November 2017
फर्क --
फर्क --
मेरी
किताब में सिर्फ 'तुम' हो
और , तुम्हारी किताब में ?
'मै ' कंही भी नहीं
मुकेश इलाहाबादी -------
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