हमेशा भीड़ में मिलते हो कभी अकेले में भी मिला करो
दुनियादारी के अलावा कुछ और भी गुफ्तगू किया करो
कभी धन, कभी घर कभी कुछ और तो कभी कुछ और
मुकेश दो चार पल तो ईश्क़ के लिए भी तो जिया करो
मुकेश इलाहाबादी ----------------------------------------
दुनियादारी के अलावा कुछ और भी गुफ्तगू किया करो
कभी धन, कभी घर कभी कुछ और तो कभी कुछ और
मुकेश दो चार पल तो ईश्क़ के लिए भी तो जिया करो
मुकेश इलाहाबादी ----------------------------------------
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